अमेरिकी टैरिफ का टाटा स्टील पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं, बढ़ रही : टीवी नरेंद्रन

पूर्वी सिंहभूम। सर दोराबजी टाटा की जयंती पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे सभी लाेगाें ने सर दोराबजी टाटा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके योगदान को नमन किया। वक्ताओं ने उनके जीवन से प्रेरणा लेने की आवश्यकता पर बल दिया और उन्हें सच्चा राष्ट्रसेवक बताया, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी देश के लिए उद्योग और अवसर खड़े किए। कार्यक्रम में टाटा स्टील के पूर्व डिप्टी एमडी डॉ. टी. मुखर्जी, टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु, टाटा स्टील यूआईएसएल के एमडी रितुराज सिन्हा, चीफ पीपुल ऑफिसर अतरई सान्याल, वाइस प्रेसिडेंट पियुष गुप्ता, यूनियन के महासचिव सतीश सिंह, उपाध्यक्ष शहनवाज आलम, संजीव तिवारी, संजय सिंह, राजीव चौधरी, कोषाध्यक्ष आमोद दुबे, सहायक सचिव नितेश राज, अजय चौधरी और श्यामबाबू शामिल थे। बिष्टुपुर के सर दोराबजी टाटा पार्क में सर दोराबजी टाटा की जयंती पर श्रद्धांजलि समारोह में टाटा स्टील के एमडी और सीईओ टीवी नरेंद्रन ने कहा कि अमेरिका के 50 प्रतिशत आयात शुल्क का टाटा स्टील की भारतीय इकाइयों पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ेगा। नरेंद्रन ने कहा कि टाटा स्टील भारत या जमशेदपुर से अमेरिका में स्टील का निर्यात नहीं करती, बल्कि यूरोप स्थित प्लांट से अमेरिकी बाजार में निर्यात होता है, जहां कुछ हद तक असर संभव है। नरेंद्रन ने यह भी बताया कि भारत में स्टील की घरेलू मांग तेजी से बढ़ रही है और सरकार द्वारा किए जा रहे आर्थिक सुधारों—जैसे जीएसटी में बदलाव और नीतिगत सुधारों—से भारतीय अर्थव्यवस्था और भी मजबूत हो रही है। हालांकि उन्होंने माना कि अमेरिकी टैरिफ का असर टेक्सटाइल, ज्वेलरी और जेम्स इंडस्ट्री पर पड़ सकता है, लेकिन इससे निपटने के लिए भारत सरकार निरंतर बैठकें कर रही है और उचित समाधान खोजे जा रहे हैं। इस अवसर पर टाटा स्टील के एमडी ने कहा कि कंपनी पिछले 119 वर्षों से राष्ट्र की सेवा कर रही है और आगे भी करती रहेगी। उन्होंने बताया कि टाटा स्टील हाइड्रोजन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए भी प्रयास कर रही है ताकि पर्यावरण के अनुकूल उत्पादन को बढ़ाया जा सके।

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