रांची। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को कहा कि राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने विधानसभा में सैकड़ों कर्मियों को अवैध रूप से नियुक्त किया। गरीब युवाओं के हक की नौकरी नेताओं की पैरवी पर बांटी गयी। पैसे के लेनदेन की सीडी सामने आयी है। बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि मामला प्रकाश में आने पर विक्रमादित्य आयोग का गठन कर जांच की गयी, जिसमें आलमगीर आलम पर लगे आरोप प्रमाणित भी हुए। इसके बाद जो हुआ वह युवाओं को जानना और समझना बेहद जरूरी है।
उन्होंने हेमंत सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद युवा विरोधी हेमंत सोरेन ने विक्रमादित्य आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने की बजाय उसकी समीक्षा के लिए एक और आयोग का गठन कर दिया। प्रदेश अध्यक्ष ने लिखा कि दरअसल, कांग्रेस झामुमो वाले नहीं चाहते कि नियुक्ति घोटाला की सच्चाई सामने आये और झारखंड के युवाओं को न्याय मिले।
बाबूलाल ने आगे लिखा कि राजशाही खानदान में पैदा हुए और ऐशो-आराम में पले बढ़े हेमंत सोरेन झारखंड के गरीब युवाओं का संघर्ष कभी नहीं समझ पायेंगे। इन्होंने युवाओं का इस्तेमाल सिर्फ सत्ता हासिल करने के लिए किया है। अब युवाओं के पास मौका है। इन भ्रष्टाचारियों को सत्ता से बेदखल कर अपने साथ हुए विश्वासघात का बदला जरूर लें।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को बुधवार को छह घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले भी ईडी ने आलमगीर आलम से नौ घंटे तक पूछताछ की थी। इस दौरान ईडी ने मंत्री से उनके पीएस संजीव लाल के नौकर जहांगीर के घर से बरामद 35.32 करोड़ कैश के बारे में पूछताछ की। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद ईडी ने दूसरे दिन यानी बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया। पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। आलमगीर आलम की गिरफ्तारी टेंडर कमीशन घोटाला मामले में की गयी है।