नई दिल्ली। पूर्वी नौसेना कमान की मेजबानी में हुए द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास ‘स्लिनेक्स’ ने भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री सहयोग को मजबूत किया है। विशाखापट्टनम तट पर दो चरणों में भारत की ओर से पूर्वी बेड़े के आईएनएस सुमित्रा ने विशेष बलों की टीम के साथ भाग लिया, जबकि श्रीलंका नौसेना की ओर से अपतटीय गश्ती पोत सयूरा ने विशेष बलों की टीम के साथ हिस्सा लिया।
नौसेना प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास ‘स्लिनेक्स’ के बंदरगाह चरण की शुरुआत 17 दिसंबर को उद्घाटन समारोह के साथ हुई थी। इस समुद्री अभ्यास का मकसद सुरक्षित, संरक्षित और नियम-आधारित समुद्री वातावरण को बढ़ावा देना था। भारत और श्रीलंका के बीच 18 दिसंबर तक चला बंदरगाह चरण द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यासों का महत्वपूर्ण संस्करण रहा, जिसने पिछले कुछ वर्षों में भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री सहयोग को मजबूत किया है। इसके बाद 19 दिसंबर से समुद्री चरण में भारत की ओर से पूर्वी बेड़े के आईएनएस सुमित्रा ने विशेष बलों की टीम के साथ भाग लिया, जबकि श्रीलंका नौसेना की ओर से अपतटीय गश्ती पोत सयूरा विशेष बलों के साथ शामिल हुआ।
उन्होंने बताया कि समुद्री चरण में दोनों नौसेनाओं के विशेष बलों ने संयुक्त अभ्यास, गन फायरिंग, संचार प्रक्रिया, नाविक कौशल के साथ-साथ नेविगेशन विकास और हेलीकॉप्टर संचालन शामिल थे। द्विपक्षीय अभ्यासों की ’स्लिनेक्स’ श्रृंखला 2005 में शुरू की गई थी और तब से नियमित अभ्यास आयोजित किए जा रहे हैं। अभ्यास के वर्तमान संस्करण ने दोनों समुद्री पड़ोसियों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के साथ सुरक्षित और नियम-आधारित समुद्री डोमेन बनाने में योगदान दिया है, जिससे भारत सरकार के ’क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास’ के संकल्प और दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया जा सके।