पूर्व सांसद गीता कोड़ा का राज्य सरकार पर तीखा हमला, बताया– अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का एक साल

चाईबासा : पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने रविवार को प्रेस वार्ता कर झारखंड सरकार की कई खामियों को उजागर किया। उन्होंने सरकार द्वारा चलाए जा रहे “सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम पर सबसे बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि 12 नवंबर से 25 दिसंबर तक चलने वाले इस अभियान को अचानक 22 से 28 नवंबर तक सीमित कर देना और इसका नाम बदलकर “सेवा का अधिकार सप्ताह” करना सरकार की जनता को भ्रमित करने वाली नीति को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि आनंदपुर, चक्रधरपुर सहित कई क्षेत्रों में मैया सम्मान और अबुआ आवास पोर्टल लगातार बंद रहे। मनोहरपुर के नंदपुर पंचायत में अधूरा अबुआ आवास का उद्घाटन कोड़ा ने सरकारी भ्रष्टाचार और दिखावे की पराकाष्ठा बताया। सरकार पर हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि यह “ठगुआ सरकार” गरीब–गुरबों की नहीं, बल्कि दलालों और भ्रष्टाचारियों की सरकार बन गई है। कमीशनखोरी, अवैध उत्खनन, सट्टा–लॉटरी जैसे गैरकानूनी कारोबार राज्य की नई पहचान बनते जा रहे हैं। शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए गीता कोड़ा ने कहा कि – 45 लाख बच्चे 8 महीनों से परीक्षा तिथि की प्रतीक्षा में हैं। – 40 लाख बच्चों को अब तक स्वेटर–जूता नहीं मिला है। – चक्रधरपुर और मनोहरपुर में ठंड से मौतें हुई हैं। – लाखों छात्रों को स्टाइपेंड नहीं मिलने से उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है। स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी उन्होंने सरकार को घेरा, विशेषकर पश्चिमी सिंहभूम में एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने की घटना को ‘सरकार की घोर लापरवाही’ बताया और कहा कि जिला चिकित्सा व्यवस्था “खुद बीमार” हो चुकी है। किसानों की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि धान खरीद केंद्रों की उचित तैयारी नहीं है। किसान समर्थन मूल्य ₹24 प्रति किलो के बजाय ₹15 प्रति किलो की दर पर धान बेचने को मजबूर हैं। अंत में गीता कोड़ा ने कहा कि हेमंत सरकार का यह एक वर्ष अव्यवस्था, भ्रष्टाचार, झूठ और जनता से विश्वासघात का साल साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक सशक्त विपक्ष के रूप में जनता की आवाज बनकर सरकार को आईना दिखाती रहेगी।

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