पटना : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन ने मंगलवार को अपना संकल्प पत्र ‘तेजस्वी प्रण पत्र’ जारी कर दिया। पटना के होटल मौर्या में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राजद, कांग्रेस, भाकपा-माले और वीआईपी सहित सभी घटक दलों के नेताओं ने संयुक्त रूप से इसे जारी किया। महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने इस अवसर पर बिहार के विकास का रोडमैप प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह संकल्प पत्र राज्य के बेहतर भविष्य और समावेशी विकास की दिशा में ठोस कदम है। इसमें 25 प्रमुख घोषणाएं की गई हैं, जिनमें हर वर्ग को ध्यान में रखा गया है। सबसे बड़ी घोषणा के रूप में तेजस्वी यादव ने कहा कि हर घर से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने का वादा किया गया है, जिसे 20 महीनों के भीतर पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसका पूरा रोडमैप तैयार है और जल्द ही इसे सार्वजनिक किया जाएगा। तेजस्वी ने बताया कि सरकार बनने पर जीविका दीदी को नियमित कर 30 हजार रुपये वेतन दिया जाएगा, साथ ही माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के कर्ज जाल में फंसे लोगों को मुक्त कराया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम टूटी-फूटी बातें नहीं करते, जो कहते हैं, उसे निभाते हैं। हमारा लक्ष्य बिहार को नंबर वन राज्य बनाना है।” संकल्प पत्र में ‘माई-बहिन योजना’, 200 यूनिट मुफ्त बिजली, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, और युवाओं को सुरक्षित रोजगार माहौल जैसी घोषणाएं शामिल हैं। तेजस्वी यादव ने भाजपा-जदयू गठबंधन पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब सिर्फ एक पुतले की तरह रह गए हैं, जबकि वास्तविक सत्ता भाजपा चला रही है। उन्होंने कहा कि इस बार महागठबंधन के वोट वाले बूथों पर किसी तरह की धांधली नहीं होने दी जाएगी। विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश सहनी ने कहा कि “आज हमने जो भी संकल्प लिए हैं, उन्हें पूरा करने की प्रतिबद्धता है।” वहीं, भाकपा-माले के दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि यह संकल्प पत्र बिहार के युवाओं, किसानों और कर्मचारियों की आकांक्षाओं को समेटे हुए है। महागठबंधन के नेताओं ने एक स्वर में कहा कि यह चुनाव बदलाव और नए बिहार के निर्माण का चुनाव है।
