पलामू : छत्तरपुर थाना क्षेत्र के मसिहानी के पास डालटनगंज-औरंगाबाद फोरलेन सड़क पर गिट्टी लदे हाइवा ने मंगलवार को एक युवक को कुचल दिया, जिससे मौके पर युवक की मौत हो गयी। हादसे के बाद स्थानीय लोग एवं मृतक के परिजन आक्रोशित हो गए एवं फोरलेन को दो घंटे तक जाम रखा। इस दौरान दोनों तरफ से वाहनों की कई किमी लम्बी कतारें लग गयी। बाद में थाना प्रभारी राजेश रंजन के समझाने पर सड़क से जाम हटाया गया।
मृत युवक की पहचान मसिहानी निवासी बिजेंद्र उरांव (40) के रूप में की गयी है। यह घटना गलत दिशा से आ रहे गिट्टी लदे हाइवा गाड़ी की चपेट में आने से घटी। बिजेंद्र मोपेड गाड़ी पर सवार थे। छत्तरपुर बाजार की तरफ से अपने घर जा रहे थे। फोरलेन बाइपास पर बिरसा मुंडा चौक के पास पड़वा मोड़ की तरफ से आ रहे अनियंत्रित हाइवा ने उन्हें चपेट में ले लिया, जिससे बिजेंद्र की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
सूचना मिलते ही छत्तरपुर थाना प्रभारी राजेश रंजन अपने दल बल के साथ मौके पर आए। ग्रामीणों ने मुआवजा एवं कार्रवाई की मांग को लेकर बिरसा मुंडा चौक जाम रखा। हालांकि बाद में थाना प्रभारी राजेश रंजन के समझाने बुझाने के बाद जाम हटाया गया और शव को पोस्टमार्टम के लिए मेदिनीनगर भेजा गया।
सड़क जाम के दौरान नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष पद के प्रत्याशी समाजसेवी अरविंद गुप्ता चुनमुन ने आक्रोशित लोगों एवं परिजनों को ढाढस बंधाया। घटना की निंदा की। कहा कि फोरलेन सड़क निर्माण से पहले ही एनएचआई को लिखित रूप से ग्रामीणों ने ज्ञापन देकर मांग की थी कि इस जगह पर अंडरपास बनाया जाए, लेकिन एनएचआई की मनमानी से अंडरपास का निर्माण नहीं किया जा सका, जिसके कारण अभी तक इस जगह पर आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में जानें गई है।
उन्होंने कहा कि एनएचआई को चाहिए कि वह गंभीरता से दुर्घटनाओं पर विचार करते हुए उक्त स्थल पर ब्रेकर बनाएं या अंडरपास का निर्माण करें, अन्यथा लोग आंदोलन करने को विवश हो जाएंगे।
मौके पर मौजूद थाना प्रभारी राजेश रंजन ने आश्वस्त किया कि दोषी वाहन चालक को बख्शा नहीं जाएगा। उसे कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। निर्वाचन की प्रक्रिया में शामिल होने के कारण सूचना देने के बाद भी एसडीओ, सीओ और बीडीओ घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाए तो स्थानीय लोगों ने एसडीओ के नाम तीन सूत्री ज्ञापन थाना प्रभारी को सौंपा और उचित कार्रवाई की मांग की।
एसडीओ को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि एनएचआई के द्वारा मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजा और एक नौकरी दी जाए। घटनास्थल पर स्पीड ब्रेकर का निर्माण कराया जाए। साथ ही साथ फॉरलेन पर नियमित पेट्रोलिंग कार्रवाई जाए, ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके।