चार दिनों के दौरान बांग्लादेश में सैकड़ो हिंदू घरों, मंदिरों पर हमले, दहशत में अल्पसंख्यक

कोलकाता। बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर मोहम्मद युनूस को मुख्य सलाहकार नियुक्त कर अंतरिम सरकार का शपथ ग्रहण हो चुका है। हालांकि वहां अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के घरों, दुकानों और मंदिरों पर हमले नहीं थम रहे हैं। महिलाओं को भी निशाना बनाया जा रहा है। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों की घटनाओं की एक सूची बांग्लादेश हिंदू बौद्ध क्रिश्चियन एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद द्वारा जारी की गई है। इस सूची में कई जिलों में हुए हमलों और अत्याचारों का उल्लेख किया गया है, जो पांच अगस्त से आठ अगस्त 2024 के बीच हुए हैं।

राजधानी ढाका महानगर और इसके आसपास के इलाकों में कई हमलों की घटनाएं सामने आई हैं। विशेष रूप से, सुन्दरबन नदी नाब्य नानुआर मंदिर के पास एक सभा के दौरान तीन दुकानों को तोड़फोड़ कर नष्ट कर दिया गया। इसके अलावा, जालमा बाजार में कई हिंदू परिवारों पर हमले किए गए, जिसमें 50 से अधिक घरों को क्षति पहुंचाई गई। हमलावरों ने परिवार के सदस्यों को पीटा और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया।

नारायणगंज जिले में भी कई हमले हुए। अपराधियों ने श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर और आसपास के हिंदू घरों को निशाना बनाया। इसी प्रकार, मुंशीगंज जिले में भी मंदिरों और घरों पर हमले हुए, जहां सदर उपजिला के थाने के पास कई हिंदू परिवारों के घरों पर हमले किए गए। नरसिंहडी और मानिकगंज जिलों में भी हिंदू समुदाय के लोगों पर हमले हुए, जहां कई घरों को नष्ट किया गया और मंदिरों को तोड़ा गया। किशोरगंज में, हिंदू परिवारों को धमकाया गया और उनके घरों को लूट लिया गया।

फरीदपुर जिले में भी हिंदू परिवारों को निशाना बनाया गया और उनके घरों को क्षति पहुंचाई गई। टांगैल जिले में कई हिंदू घरों पर हमले किए गए और घरों में आग लगा दी गई। इन हमलों के दौरान, महिलाओं और बच्चों को भी प्रताड़ित किया गया और हमलावरों ने संपत्ति को लूट लिया। ऐसे ही देश के लगभग हर जिले में रहने वाले हिंदू समुदायों के घरों में लगातार हमले हो रहे हैं। इन सभी घटनाओं के बाद, हिंदू समुदाय के लोगों में भय और असुरक्षा का माहौल है।

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