रांची। टेंडर कमीशन घोटाला मामले में मंत्री आलमगीर आलम सहित नौ आरोपितों की न्यायिक हिरासत अवधि 14 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है। सभी आरोपितों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में शनिवार को हुई। अब इनकी अगली पेशी 29 जून को होगी। आरोपितों में पूर्व मंत्री आलमगीर आलम, संजीव लाल, जहांगीर आलम, ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम, उनका भतीजा आलोक रंजन, हरीश यादव, नीरज मित्तल, रामप्रकाश भाटिया और तारा चंद शामिल हैं।
टेंडर घोटाला मामले में ईडी ने पहली कार्रवाई 21 फरवरी, 2023 को की थी। इस समय ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के कई ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। इसके बाद 23 फरवरी को ईडी ने वीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया था। मामले में वीरेंद्र राम के करीबी और सहयोगियों को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। वीरेंद्र राम को रिमांड पर लेकर हुई ईडी की पूछताछ में टेंडर कमीशन में कई लोगों के शामिल होने की जानकारी ईडी को मिली थी।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने बीते पांच मई को टेंडर कमीशन घोटाले में मंत्री आलमगीर के पीएस संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर सहित अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान ईडी ने संजीव लाल के नौकर जहांगीर और बिल्डर मुन्ना सिंह के ठिकानों से कुल 35.23 करोड़ रुपये नकदी बरामद किये थे। इस मामले में ईडी ने पांच मई की देर रात आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया था।
इसके बाद ईडी ने दोनों को कोर्ट में पेश किया और रिमांड पर लेकर पूछताछ की। इसके बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। बरामद पैसों के संबंध में ईडी ने आलमगीर आलम से दो दिन पूछताछ की थी। ईडी ने 14 मई को नौ घंटे और 15 मई को छह घंटे तक पूछताछ करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद ईडी ने आलमगीर आलम को 14 दिनों के रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी।