रांची । मंत्री इरफान अंसारी ने सभी अस्पताल प्रबंधकों को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी अस्पताल में मरीज की मौत होने के बाद शव रोकना अमानवीय है। उन्होंने कहा कि जो भी निजी अस्पताल शव रोकेगा, उसे तुरंत सील किया जाएगा। अस्पताल में किसी मरीज को बिना इलाज के नहीं लौटाया न जाए इसबात का भी खास ख्याल रखा जाना चाहिए।
मंत्री डॉ इरफान अंसारी गुरूवार को बीएनआर चाणक्य होटल में आयोजित आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के उन्मुखीकरण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि कई अस्पताल लोगों पर मनमाना बिल थोपते हैं। इसे रोकने के लिए राज्य सरकार आईसीयू, एनआईसीयू, सीसीयू के रेट तय करने जा रही है। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप होगी और गरीब मरीजों को बड़ी राहत देगी।
मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार 15 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सुरक्षा लागू करने पर काम कर रही है।
मंत्री ने इस समस्या पर चिंता जताई कि दुर्घटना पीड़ितों को अक्सर बताया जाता है कि यह बीमारी उपचार कार्ड की सूची में शामिल नहीं है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया आयुष्मान कार्ड की प्रक्रिया सरल होनी चाहिए। कोई भी जरूरतमंद मरीज इलाज के बिना अस्पताल से वापस नहीं लौटे।
वहीं डॉ नेहा अरोड़ा ने कहा कि आयुष्मान भारत की शुरुआत झारखंड से हुई थी। अबुआ योजना राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा को नई ऊंचाई दे रही है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी स्वास्थ्य सुरक्षा से आच्छादित है। अस्पतालों को डेटा अपडेट और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं सुनिश्चित करनी होंगी।
एनएच के सीओ डॉ सुनील कुमार बरनवाल ने कहा कि योजना पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी है। डेटा विश्लेषण और फ्रॉड रोकथाम पर हम मजबूती से काम कर रहे हैं।
