काठमांडू : रूस की सेना में अवैध रूप से भर्ती किए गए नेपाल के युवाओं की भी स्वदेश वापसी की अनुमति मिल गई है। मास्को स्थित नेपाली दूतावास के सहयोग से अब तक 138 नेपाली युवाओं की नेपाल वापसी हो रही है। करीब एक दर्जन और नेपाली युवकों ने स्वदेश वापसी के लिए दूतावास में संपर्क किया है।
काठमांडू स्थित विदेश मंत्रालय की सचिव सेवा लम्साल ने बुधवार को बताया कि 138 युवाओं का ट्रेवल डॉक्यूमेंट बनाया जा चुका है और उनकी वापसी के लिए विशेष विमान की बात चल रही है। धीरे-धीरे नेपाल वापस होने वाले युवाओं की संख्या बढ रही है। अभी 13 युवाओं ने फिर से नेपाली दूतावास से संपर्क कर नेपाल वापसी की इच्छा जताई है। विदेश सचिव ने यह भी बताया कि रूसी सेना में कार्यरत जो नेपाली युवा वापस होना चाहते हैं उनको रूसी सेना की तरफ से जाने की इजाजत दी जा रही है।
रूस-युक्रेन युद्ध के क्रम में गत वर्ष हजारों नेपाली युवाओं को चीनी कंपनी के जरिए विभिन्न देशों में काम दिलाने के बहाने से रूस पहुंचाया गया था जहां कुछ दिनों की ट्रेनिंग के बाद ही उन सबको रूसी सेना में सहायक के रूप में भर्ती कर लिया गया था। यह मामला तब उजागर हुआ जब युद्ध के दौरान कई नेपाली युवाओं की मौत हो गई और सैकड़ों युवाओं को युक्रेन ने अपने यहां युद्ध बंदी बना कर रखा। इधर नेपाल में रूसी सेना में कार्यरत युवाओं के परिवार की तरफ से लगातार नेपाल सरकार पर दबाब डाला जा रहा था।
उल्लेखनीय है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने दो दिवसीय रूस दौरे में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष भारतीय युवाओं के रूसी सेना में अवैध तरीके से भर्ती किए जाने का मुद्दा उठाया था। इस दौरान बातचीत में रूस भारतीय युवाओं की स्वदेश वापसी पर सहमत हो गया था।