अबूझमाड़ के घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में छापेमारी
जांच एजेंसी संदिग्ध 35 अन्य लाेगाें से भी कर रही पूछताछ
नारायणपुर/रायपुर। माओवादियों के 20 मार्च 23 को बंद के मामले काे लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को अबूझमाड़ के घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में छापेमारी कर नक्सलियों के शहरी नेटवर्क से जुड़े चार नक्सलियों को गिरफ्तार किया है।इन लाेगाें पर माओवादी संगठन को रसद सप्लाई करने व अन्य कामाें में सहयाेग करने का आराेप है। इस मामले में जांच एजेंसी 35 अन्य माओवादियों से भी पूछताछ कर रही है। जांच में ओरछा में लम्बे समय से धरने पर बैठे माड़ बचाओ मंच के नेता लखमा कोर्राम पर माओवादी होने का आरोप है।
जानकारी के जनुसार एनआईए की टीम अबूझमाड़ के ओरछा, कस्तूरमेटा, मंडाली और मल्कल गांव में नक्सलियाें के सहयोगियों तक पहुंची है। अबूझमाड़ के घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में छापेमारी कर नक्सलियों के शहरी नेटवर्क से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने एक बयान जारी कर बताया कि मार्च 2023 को सड़क नाकाबंदी मामले के लिए जिम्मेदार सीपीआई (माओवादी) कैडरों और समर्थकों की तलाश में मंगलवार को नारायणपुर जिले में कई स्थानों पर तलाशी ली गई है। घटना से संबंधित मामले में कुल 35 आरोपियों को चिन्हित किया गया है। इनमें प्रतिबंधित संगठन के वे कार्यकर्ताओं और समर्थक हैं, जिन्होंने इंडिया गेट रायनार के पास नारायणपुर-ओरछा मुख्य सड़क को विभिन्न हिस्सों को खोदकर, पेड़ों को काटकर और कई स्थानों पर बड़ी-बड़ी चट्टानों को छोटे-छोटे टुकड़े करके अवरुद्ध कर दिया था। नाकाबंदी का उद्देश्य पुलिस दलों को मारना और उनके हथियार लूटना था।
एनआईए की जांच के दौरान कुछ सीपीआई (माओवादी) समर्थकों व ओजीडब्ल्यू के नाम सामने आए थे। उन पर सीपीआई (माओवादी) के अग्रणी संगठन, माड़ बचाओ मंच के सदस्य होने का संदेह है। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने अपराध को अंजाम देने में सीपीआई (माओवादी) की सहायता की थी। ओरछा में माड़ बचाओ मंच का नेता लखमा राम उर्फ लखमा कोर्रम इस मामले में आरोप पत्रित माओवादी है। जांच से पता चला है कि माड़ बचाओ मंच मुठभेड़ों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करता है और उन्हें रसद सहायता प्रदान करने के अलावा प्रतिबंधित संगठन के लिए नए शिविर स्थापित करने में मदद करता है। वे सीपीआई (माओवादी) विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए “माड़ बचाओ मंच” के बैनर तले विभिन्न बैठकें भी आयोजित करते हैं। फ्रंटल संगठन के सदस्य माओवादी कैडरों तक आवश्यक सामग्री आदि पहुंचाने का भी काम करते हैं। मामले में जांच जारी है।