पीएम मोदी ने दार्जिलिंग में मूसलाधार बारिश, भूस्खलन से हुयी मौतों पर किया दुख व्यक्त

सिलीगुड़ी /नयी दिल्ली,  पूर्वी हिमालयी क्षेत्र दार्जिलिंग में मूसलाधार बारिश के कारण भीषण भूस्खलन होने से कम से कम 15 लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य लोग लापता हैं। भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 10 अवरुद्ध होने से सिक्किम, दार्जिलिंग और कलिम्पोंग का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जानमाल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त करते हुये कहा कि स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही हैऔर सरकार प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, “दार्जिलिंग में एक पुल दुर्घटना में हताहत हुये लोगाेें के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है उनके प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। भारी बारिश एवं भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों में स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। हम प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
अभी तक हताहतों की संख्या के बारे में तत्काल आधिकारिक पुष्ट आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं लेकिन यह बताया जा रहा है कि शनिवार रात से अब तक कम से कम 15 लोगों की मौत हुयी है।
गोरखा क्षेत्रीय प्रशासन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनित थापा के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया कि इस हादसे में लगभग 15 लोग मारे गये हैं। उन्होंने लोगों को बाहर नहीं निकलने की सलाह देते हुये कहा है कि प्रशासन प्रभावित लोगों को बचाने एवं सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगा हुआ है।
सूत्रों ने बताया कि मिरिक में कम से कम नौ लोग और दार्जिलिंग पहाड़ियों के ऊपरी सुखियापोखरी में चार लोग मारे गये हैं
दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने भारी बारिश से हुये व्यापक नुकसान पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “मौतें हुयी हैं, संपत्ति का नुकसान हुआ है और आधारभूत ढांंचे को को नुकसान पहुंचा है। मैं स्थिति का जायजा ले रहा हूं और संबंधित अधिकारियों के संपर्क में हूं।”
लगातार बारिश के बाद विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 10 पूरी तरह से बंद हो गया है तथा 29वें माइल में तिस्ता नदी उफान पर है जिससे पहाड़ियों को सिलीगुड़ी से जोड़ने वाले राजमार्ग का उपरी हिस्सा बह गया है। मिरिक और धुड़िया के बीच लोहे का पुल ढहने से मिरिक और सिलीगुड़ी के बीच संपर्क टूट गया। लगातार बारिश से मैदानी इलाकों में जलपाईगुड़ी जिले के दोआर्स इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए हैं जहां जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।

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