शीतकालीन सत्र में राजनीतिक घमासान तय, सत्ता-विपक्ष आमने-सामने होने के आसार

रांची ; झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर से शुरू होकर 11 दिसंबर तक चलेगा।
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार की मंजूरी के बाद विधानसभा सचिवालय ने जारी औपबंधिक कार्यक्रम के अनुसार कुल पांच कार्यदिवस निर्धारित किए गए हैं। सत्र शुरू होने से ठीक पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपनी रणनीतिक बैठकों से राजनीतिक माहौल गर्मा दिया है। विधानसभा सचिवालय द्वारा औपबंधिक कार्यक्रम जारी होने के बाद अब सत्ता पक्ष और विपक्ष सदन में अपनी ताकत और रणनीति को धार देने में जुट गए हैं। इसके साथ ही स्पीकर रबींद्र नाथ महतो सत्र के सफल संचालन के लिए आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है । इस दौरान वह सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों से सदन के सफल संचालन में सहयोग मांगेंगे। साथ ही सदन के दौरान अधिक से अधिक जनहित के मुद्दों पर सार्थक बहस उनकी प्राथमिकता पर विचार पर चर्चा करेंगे इससे पहले बुधवार को राज्य के शीर्ष अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक में सत्र की प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा की । भाजपा समेत विपक्षी दल सत्र को लेकर सक्रिय हैं। सरकार के एक साल पूरे होने पर भाजपा ने आरोप पत्र जारी कर सरकार की घेराबंदी की। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सात दिसंबर को भाजपा विधायकों की बैठक बुलाई है। अब तक की तैयारी के मुताबिक भाजपा आरोप पत्र के आधार पर सदन में सरकार को घेरेगी और धनबाद में अवैध कोयला के मुद्दे पर हमलावर रहेगी। कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार भाजपा के एजेंडे में बने रहेंगे। भाजपा का प्रयास रहेगा कि अनुपूरक बजट पर वाद-विवाद के दौरान सरकार के वित्तीय दावों को चुनौती दी जाए। सरकार शीतकालीन सत्र में करीब 11,000 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश करने की तैयारी कर रही है. विभागीय आवश्यकताओं और वित्तीय व्यय को ध्यान में रखते हुए सभी विभागों ने अपने-अपने प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया है. प्रस्तुत अनुपूरक बजट प्रस्तावों और विधानसभा से स्वीकृत राशि को शामिल करते हुए बजट का मसौदा तैयार कर रहा है. इस अनुपूरक बजट में मंईयां सम्मान योजना को बजट बढ़ाने दिये जाने की संभावना है.

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