मुंबई : पंजाब एफसी ने शुक्रवार को मुंबई के कूपरेज फुटबॉल ग्राउंड में खेले गए फाइनल मुकाबले में ईस्ट बंगाल एफसी पर 1-0 की जीत के साथ ड्रीम स्पोर्ट्स चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया है। अर्शवीर सिंह के एकमात्र गोल ने पंजाब एफसी को इस अंडर-17 क्लब फुटबॉल टूर्नामेंट के उद्घाटन सीजन का विजेता बनाया।
दोनों टीमें मैच में कई मौकों पर गोल करने के करीब पहुंच गई थीं लेकिन वे फिनिशिंग टच नहीं दे सकीं। चैंपियनशिप में सबसे अधिक गोल करने वाले देबोजीत रॉय 21वें मिनट में ईस्ट बंगाल के लिए गोल करने के बिल्कुल करीब पहुँचे लेकिन गोलकीपर विश्वजीत यादव ने उनको निराश कर दिया। इसी तरह गुरनाज सिंह ग्रेवाल की लॉफ्टेड बॉल को समय पर लपकने में विफल रहने के कारण 27वें मिनट में उन्हें एक बार फिर से निराशा हाथ लगी।
पहले हाफ के इंजरी टाइम के पहले मिनट में, मिडफील्डर अर्शवीर ने पेनल्टी बॉक्स के बाहर से एक बेहतरीन शॉट की बदौलत गोल किया। अर्शवीर ने ईस्ट बंगाल के गोलकीपर दीप बर्मन को छकाते हुए यह शानदार गोल किया। पंजाब एफसी के लिए यह एक शानदार पल था।
मामूली बढ़त के साथ पंजाब एफसी ने दूसरे हाफ में हमले तेज कर दिये। उसने अपने विरोधियों पर अच्छा दबाव बनाया और गेंद पर कब्जा बनाये रखते हुए कई जोरदार हमले किए। विशाल यादव 59वें मिनट में पंजाब एफसी की बढ़त को दोगुना करने के सबसे करीब पहुंचे। उन्होंने गेंद को बॉक्स में पहुंचाया, लेकिन सिंगमयुम शमी खाली गेंद को नेट में टैप करने में विफल रहे।
इसके बाद दीप ने दो मिनट में दो महत्वपूर्ण बचाव किए, जिससे ईबीएफसी मैच में बना रहा, लेकिन उनकी टीम अपने गोलकीपर से मिले लाइफलाइन का लाभ नहीं उठा सकी। शमी ने साइड-नेटिंग पर शॉट मारा, जबकि विश्वजीत ने अंतिम पलों में देबोजीत को रोकने के लिए अच्छा प्रदर्शन किया और इसका नतीजा हुआ कि पंजाब एफसी चैंपियन बनकर उभरा।
युवा फुटबॉलरों को भारत के पूर्व गोलकीपर सुब्रत पॉल की मौजूदगी ने अच्छा एहसास कराया। सुब्रत ने ड्रीम स्पोर्ट्स चैंपियनशिप के साथ-साथ फाइनल के बारे में बात की और कहा, “यह एक अच्छा मैच था। भविष्य के लिए इन सभी युवा सितारों को शुभकामनाएँ। मैं ड्रीम स्पोर्ट्स फाउंडेशन की पहल की सराहना करना चाहता हूँ। हम अपने खिलाड़ियों को विकसित करने के लिए अधिक से अधिक मैच खेलना चाहते हैं। युवा खिलाड़ियों के लिए खेल का समय महत्वपूर्ण है क्योंकि ये खिलाड़ी हमारे देश के लिए खेलेंगे।”
टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी और शीर्ष स्कोरर का पुरस्कार देबोजीत रॉय को दिया गया, जबकि विश्वजीत यादव को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर चुना गया। वहीं, फाइनल मैच में प्रमवीर सिंह मैन ऑफ द मैच रहे।
बता दें कि ड्रीम स्पोर्ट्स चैंपियनशिप का उद्देश्य भारत में कई खेलों में कम आयु वर्ग के लिए अधिक प्रतिस्पर्धी और पेशेवर टूर्नामेंट प्रदान करना है। इस अंडर 17 फुटबॉल चैंपियनशिप में छह आईएसएल और तीन आई-लीग टीमों को लेकर इसमें 37 टीमें हिस्सा ले रही थीं। टूर्नामेंट में 15.85 की औसत आयु वाले 792 पंजीकृत खिलाड़ी मैदान में उतरे, जिनमें से आठ फाइनलिस्ट नेशनल फाइनल के लिए मुंबई गए (सभी खर्च का भुगतान किया गया)।
ड्रीम स्पोर्ट्स चैंपियनशिप ड्रीम स्पोर्ट्स फाउंडेशन को भारत के युवाओं के लिए रणनीतिक रूप से मूल्यवान प्रतिस्पर्धा के अवसर प्रदान करने में मदद करेगी। यह पहल एक प्रतिस्पर्धी माहौल भी बनाएगी, जहां युवा एथलीट अपने कौशल का परीक्षण कर सकते हैं, जबकि स्काउट्स और कोचों को उनकी क्षमता का मूल्यांकन करने का मौका मिलेगा।