रांची। राजधानी रांची में दुर्गा पूजा को लेकर एक से बढ़कर एक पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। इसी क्रम में रांची रेलवे स्टेशन दुर्गा पूजा समिति की ओर से इस वर्ष केदारनाथ मंदिर और उज्जैन के महाकाल का दर्शन कराएगी। साथ ही कोयंबटूर के आदियोगी शिव का दर्शन भी कराया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है। यहां 50 फीट ऊंची आदि योगी की मूर्ति विराजमान होगी, जो भक्तों में आकर्षण का केंद्र होगी। पंडाल की दोनों ओर दीवारों पर शिवलिंग, नंदी, डमरू और सांप की कलाकृति भक्तों को आकर्षित करेगी।
आदि योगी शिव के प्रारूप का निर्माण थर्मोकोल से किया जा रहा है। पंडाल का रंग पुराने पत्थर की रंग का होगा और देखने से लगेगा कि पूरा पंडाल इन्हीं पत्थरों से बना हुआ है। पंडाल निर्माण में 40 लाख रुपये खर्च किये जा रहे हैं। समिति के अध्यक्ष मुनचुन राय ने सोमवार को बताया कि पंडाल निर्माण में लगभग 40 लाख रुपये, मूर्ति में दो लाख रुपये और लाइट एवं साउंड आठ लाख रुपये खर्च होंगे।
उन्होंने बताया कि पंडाल में माता रानी योग की मुद्रा में विराजेंगी। मुख्य पंडाल के अंदर एक बड़ा सा मंडप सजाया जायेगा। इस मंडप में मां आसन की मुद्रा में विराजेंगी। मां के 10 हाथों में से दो हाथ योग की विभिन्न मुद्राओं को करते हुए दिखायेंगे। मां अन्य आठ हाथों में विभिन्न अस्त्र-शस्त्र लिये रहेंगी। मां के आसन के नीचे सिंह महिषासुर से लड़ते हुए नजर आयेगा। मां की प्रतिमा की ऊंचाई 12 फीट होगी।
इसके अलावा लेजर शो के बाद भक्त प्रवेश द्वार से मां का दर्शन करने के लिए जायेंगे। यहां छह मिनट का लेजर शो आकर्षण का केंद्र होगा। यह लेजर शो कोयंबटूर की तरह होगा। उन्होंने बताया कि पूजा पंडाल से लेकर आसपास के इलाकों में रंग-बिरंगे बल्बों से सजावट की जायेगी। पंडाल के समीप खाने-पीने के विभिन्न स्टॉल भी लगे रहेंगे। समिति के लोग पंडाल के निर्माण में जुटे हुए हैं।