रांची। रांची के डोरंडा स्थित जैप-1 मैदान में 20वीं झारखंड राज्य पुलिस ड्यूटी मीट का शुभारंभ मंगलवार को हुआ। पुलिस ड्यूटी मीट का शुभारंभ झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने किया। इस मौके पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि यह आयोजन न केवल हमारे पुलिस बल की कार्यकुशलता, अनुशासन और दक्षता का प्रतीक है, बल्कि यह स्वस्थ प्रतिस्पर्धा, आपसी सहयोग और टीम भावना को भी सुदृढ़ करता है। राज्यपाल ने कहा कि पुलिसकर्मी किसी भी राज्य की सुरक्षा, शांति और व्यवस्था के आधारस्तंभ होते हैं। वे कठिन परिस्थितियों में भी निरंतर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं, चाहे वह विधि-व्यवस्था बनाए रखना हो, अपराध नियंत्रण हो या संकट की घड़ी में जनसेवा का दायित्व निभाना हो। उन्होंने कहा कि राज्य की प्रगति विधि-व्यवस्था की स्थिरता पर निर्भर करती है, इसलिए पुलिस प्रशासन को हर परिस्थिति में ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता और पुलिस के बीच संवाद एवं विश्वास का रिश्ता मजबूत होना चाहिए। पुलिसकर्मी जनता से शालीनता से संवाद करें, उनकी शिकायतों को संवेदनशीलता के साथ सुनें और तत्परता से उसका निबटारा करें, ताकि नागरिक निडर होकर अपनी बात रख सकें। राज्यपाल ने अनुसंधान कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि अपराध नियंत्रण में वैज्ञानिक तरीकों और आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाना चाहिए, जिससे अपराधी शीघ्र कानून के दायरे में आएं और पीड़ित को समय पर न्याय मिले। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में देश में लागू किए गए तीन नए आपराधिक कानून न्याय व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार का प्रतीक हैं, जिनका उद्देश्य पीड़ित केंद्रित न्याय सुनिश्चित करना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि झारखंड पुलिस इन कानूनों की भावना को आत्मसात करते हुए जनता की सुरक्षा और न्याय की स्थापना में एक आदर्श प्रस्तुत करेगी। राज्यपाल ने कहा कि राज्य में नक्सली गतिविधियों के उन्मूलन की दिशा में और अधिक सशक्त पहल आवश्यक है। उन्होंने भावुक होकर कहा कि जब भी पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) से किसी शहीद जवान का पार्थिव शरीर आता है और मैं उनके परिजनों से मिलता हूं तो मुझे समझ में नहीं आता कि मैं उन्हें क्या सांत्वना दूं। हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि नक्सली गतिविधियों में संलिप्त लोगों को विकास, शिक्षा और आत्मनिर्भरता की मुख्यधारा से जुड़ना होगा। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की कि पुलिस ड्यूटी मीट में भाग लेने वाले सभी पुलिसकर्मी इस आयोजन से मिली सीख को अपने कर्तव्यों, अनुसंधान कार्यों और सेवा दक्षता को और सुदृढ़ बनाने में उपयोग करेंगे। मौके पर डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा बेहतर अनुसंधान से ही अपराधियों को सजा दिलायी जा सकती है। इसके लिए झारखंड पुलिस लगातार काम कर रही है। डीजीपी के अनुसार आए दिन अनुसंधान की नई तकनीक सामने आ रही है ,जिनके बारे में पूरी तरह जानकारी रखना झारखंड पुलिस के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि आईटी, साइबर क्राइम, अपराध नियंत्रण, महिलाओं की सुरक्षा सहित अन्य विषयों पर भी दिन-रात पुलिस अधिकारी काम कर रहे हैं। आने वाले समय में हमें किसी अपराधी के प्रोफाइल के लिए छापेमारी करने और उसके पीछे भागने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि एक बटन दबाते ही अपराधी का पूरा प्रोफाइल सामने होगा। डीजीपी ने कहा कि इस प्रतियोगिता के बाद पुलिस अफसरों का ज्ञान बढ़ेगा। झारखंड एटीएस की मॉकड्रिल ने जीता दिल झारखंड पुलिस ड्यूटी मीट के दौरान एटीएस के प्रदर्शन ने सबका दिल जीत लिया। एटीएस की ओर से एक मॉकड्रिल आयोजित की गई। ड्रिल में एटीएस को आतंकवादियों के एक घर में छिपे होने की सूचना मिली थी। आतंकवादियों को गिरफ्तार करने का टास्क एटीएस को मिला था। जानकारी मिलने के बाद एटीएस की टीम ने घर को चारों तरफ से घेर कर सबसे पहले एक आतंकी को मार गिराया। उसके बाद दूसरे आतंकी को अपने कब्जे में ले लिया। इस दौरान आतंकियों को कैसे गिरफ्तार किया जाता है, उसका भी मुजायरा एटीएस के द्वारा किया गया। आतंकी के मारे जाने के बाद किस तरह से ऑपरेशन को खत्म किया जाता है, क्या-क्या सावधानियां बरती जाती है इन सभी चीजों का प्रदर्शन एटीएस की टीम की ओर से किया गया।