डोमिसाइल आंदोलन के महानायकों का बलिदान अबभी अधूरा है : शिल्पी

रांची। कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने गुरुवार को मेकॉन स्थित शहीद स्थल और त्रिमूर्ति चौक पर डोमिसाइल आंदोलन के शहीदों संतोष कुंकल, विनय तिग्गा और कैलाश कुजूर को श्रद्धा सुमन अर्पित कर नमन किया। शहीद स्मारक समिति की मांगों का समर्थन करते हुए उन्होंने शहीदों को आधिकारिक शहीद का दर्जा देने। और परिजनों को सरकारी सुविधाएं देने की बात कही। मंत्री ने यह मांग मुख्यमंत्री के समक्ष रखने का भरोसा भी दिलाया। श्रद्धांजलि सभा में मुख्य रूप से संजय तिग्गा, बेलस तिर्की, शिवा कच्छप, जगदीश लोहरा, दीपू सिन्हा, जलील अंसारी सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि डोमिसाइल आंदोलन के महानायकों का बलिदान आज भी अधूरा है। उन्होंने कहा कि 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति के लिए यह संघर्ष झारखंड के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। वे खुद इस आंदोलन और इस स्थल से भावनात्मक रूप से जुड़ी है। इन शहीदों की कुर्बानी को राज्य को सम्मान देना ही होगा। तिर्की ने स्पष्ट कहा कि हेमंत सरकार ने 2023 में सदन से 1932 आधारित स्थानीय नीति पास कर राजभवन भेजा, लेकिन आज भी निर्णय लंबित है।

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