मंदिरों के कपाट हुए बंद, चंद्रग्रहण का सूतक शुरू

चतरा। आचार्य चेतन पांडेय ने बताया कि खगोलीय और धार्मिक दृष्टि से चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण का असर देश-दुनिया पर देखने को मिलता है। हिंदू धर्म में ग्रहण काल को अशुभ माना जाता है। इस दौरान पूजा-पाठ से लेकर मंदिरों तक के कपाट बंद होते हैं। वर्ष 2025 का सबसे बड़ा चंद्र ग्रहण आज भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि को लग रहा है। ये पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। भारतीय समयानुसार चंद्र ग्रहण आज रात 9:57 बजे आरंभ होगा और देर रात 1:26 बजे समाप्त होगा। इसके साथ ही रात 11:09 पर इसका समिल्लन होगा। रात 11:42 बजे चंद्र ग्रहण का मध्यकाल होगा, जबकि रात 12:23 बजे से इसका मोक्ष काल शुरू होगा। ये चंद्र ग्रहण करीब 3 घंटे 29 मिनट का होगा। झारखंड सहित अन्य जिलों में साल के आखिरी चंद्रग्रहण का सूतक शुरू हो गया है। राज्य के राजधानी रांची सहित अन्य मंंदिरों का कपाट 12.58 से ही बंद हो गया । इसी क्रम में चतरा जिले के सभी मंदिरों का कपाट बंद रहा। रविवार काे इटखोरी स्थित प्राचीन भद्रकाली मंदिर, भगवती मंदिर लेंबोईया, सिद्ध पीठ माता कौलेश्वरी मंदिर सहित अन्य प्रमुख मंदिरों में दोपहर से दर्शन, पूजन और संध्या आरती बंद रहा।

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