एनटीपीसी के डीजीएम की हत्या मामले में तीन संदिग्ध हिरासत में

हजारीबाग। एनटीपीसी कोल परियोजना के केरेडारी में डिस्पैच डिपार्टमेंट के डीजीएम पद पर कार्यरत गौरव कुमार की गोली मार कर हत्या कर दी गई। शनिवार को वे अपने घर से हजारीबाग से ऑफिस के लिए निकले थे। उनकी गाड़ी जैसे ही हजारीबाग के फतहा चौक के पास पहुंची बाइक सवार अपराधियों ने गाड़ी ओवरटेक कर उन्हें गोली मार दी। वे ऑफिस की स्कॉर्पियो में सवार थे। गाड़ी में उनके अलावा दो और लोग बैठे थे। आनन-फानन में उन्हें पास के ही आरोग्यम अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

जानकारी के मुताबिक गौरव बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले थे।घटना की जानकारी मिलते ही डीजीएम के बड़े पदाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। अस्पताल में जिले के तमाम बड़े पदाधिकारी मौजूद थे। मामले को लेकर पुलिस ने जांच तेज कर दी है। चर्चा इस बात भी हो रही है इलाके में लेवी को लेकर आए दिन माइनिंग कंपनियां और उसके कर्मी अपराधियों की रडार पर रहते हैं। इससे पहले भी आउटसोर्सिंग कंपनी के जीएम की हत्या लेवी के लिए अपराधियों ने कर दी थी।

इस घटना की वजह भी लेवी से ही जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि कुमार गौरव पर ही कोयला डिस्पैच की जिम्मेदारी थी।

वहीं कुमार गौरव की गाड़ी में ड्राइवर और एक और कर्मी साथ था। कुमार गौरव पीछे की सीट पर बैठे हुए थे। गोली सीधे कुमार गौरव को लगी और घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। उनकी गाड़ी से उन्हें अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने अमृत घोषित कर दिया।यह घटना आग की तरह पूरे हजारीबाग में फैल गई।

एनटीपीसी के वरीय पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे और उन्होंने पूरी घटना की जानकारी ली।

वहीं जिले के एसपी अरविंद कुमार सिंह अस्पताल में जानकारी प्राप्त कर घटनास्थल की ओर रवाना हो गए। माैके पर उन्हाेंने बताया कि पुलिस तीन संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

वहीं अस्पताल परिसर में जिले भर के वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे। शव को पोस्टमार्टम के लिए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया है। घटना के बाद एनटीपीसी पकरी बरवाडीह के परियोजना प्रमुख फैज तैयब ने कहा कि घटना कैसे हुई है यह जांच का विषय है। घटना ने सुरक्षा पर अवश्य सवाल खड़ा कर दिया है।उन्होंने कहा कि घटना के बाद परिवार के लिए क्या कर सकते हैं यह बेहद जरूरी है। जिस तरह से अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया है यह कई सवाल जरूर खड़ा कर रहा है।उन्होंने यह भी कहा कि अभी सबसे बड़ी बात यही है कि कंपनी ने एक होनहार पदाधिकारी को खो दिया। जो भारत सरकार के लिए काम कर रहा था। उसकी किसी से दुश्मनी भी नहीं थी।

कोल माइनिंग पकरी बरवाडीह के अध्यक्ष कमल राम रजक ने इस घटना पर दुख जताया है।

उन्होंने सरकार से मांग की है कि एनटीपीसी के पदाधिकारी और कर्मियों की सुरक्षा का इंतजाम पुख्ता हो।

उल्लेखनीय है कि कुमार गौरव अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। उनके पिता की मृत्यु जब वह दो साल के थे तभी हो गई थी। उनकी माता ने परिवार का भरण पोषण किया। बहुत ही मेहनत से उन्होंने यह नौकरी पाई थी। उनकी उम्र लगभग 42 वर्ष थी। उनकी एक बेटी है जिसकी उम्र 10 वर्ष है। जो हजारीबाग के स्कूल में पढ़ाई करती हैं। मूल रूप से कुमार गौरव नालंदा के किंगर सराय के रहने वाले थे। घटना के बाद मृतक की मां और धर्मपत्नी भी अस्पताल पहुंची।

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