रामगढ़। जिले में पिछले 10 दिनों से तापमान 44 डिग्री सेल्सियस को पार कर रहा है। भीषण गर्मी ना सिर्फ लोगों का हलक सुखा रही है, बल्कि धरती के गर्भ को भी सुखा दिया है। ग्रामीणों को ना तो चापाकल से पानी मिल पा रहा है और ना ही कोई अन्य जल स्रोत उनके घर तक पहुंच रहा है। हालात इतने बुरे हो गए हैं कि नदी के किनारे चुंआ बना कर लोगों को प्यास बुझानी पड़ रही है। पौ फटते ही घर के सभी सदस्य बच्चों के साथ नदी किनारे पहुंचते हैं और कई घंटे की मशक्कत के बाद वह दिनचर्या के लिए पानी का जुगाड़ कर पाते हैं। मीडियाकर्मी शुक्रवार को जब पेयजल की उपलब्धता को लेकर गांव का निरीक्षण कर रहे थे तब रामगढ़ के कौआबेड़ा गांव के लोग, जिनमें छोटी बच्चियां भी शामिल थी, वह पानी भरने के लिए नदी किनारे चुंआ बनाती दिखीं।
प्रशासन और जनप्रतिनिधि बने मूकदर्शक
दामोदर नदी तट पर बसे कौआबेड़ा गांव में भीषण जल संकट में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता लोगों के गुस्सा का कारण भी बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि विधायक सुनीता चौधरी हो या जिला प्रशासन के आला अधिकारी। उनके गांव में जल संकट को दूर करने के लिए कोई नहीं आता। इस बार की गर्मी ने कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ डाला है। इसके बाद भी ना तो अधिकारियों की टीम ग्रामीणों का सुध लेने पहुंची है और ना ही जनप्रतिनिधि ही। हर बार उन्हें वोट लेने के लिए सिर्फ गांव का रास्ता दिखाई देता है। आजसू विधायक सुनीता चौधरी के बारे में ग्रामीणों ने यहां तक कह दिया कि चुनाव जीतने के बाद उनके दर्शन ही दुर्लभ हो गए हैं।