रांची। झारखंड राज्य में हाल के दिनों में हुई चक्रवाती बारिश मोंथा को देखते हुए बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नोडल अधिकारी प्रकाश कुमार ने सभी जिलों के सहकारिता, कृषि और सांख्यिकी पदाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि बीमित किसान 72 घंटे के भीतर अपनी फसल नुकसान की सूचना दर्ज कर दावा प्रस्तुत करें। आदेश में कहा गया है कि चक्रवात और असामयिक वर्षा के कारण कई जिलों में फसलों को नुकसान पहुंचा है। ऐसे में सभी जिला अधिकारी बीमित किसानों को नुकसान की सूचना देने की प्रक्रिया के प्रति जागरूक करें। फसल बीमा योजना के तहत किसान टोल फ्री नंबर 14447 पर कॉल करके अपने नुकसान की सूचना दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा किसान अपने जिले के सहकारिता कार्यालय या कृषि कार्यालय में भी सूचना दे सकते हैं। इस दौरान किसान को बीमा कंपनी का नाम, आवेदन संख्या, किसान का नाम, फसल का नाम, गांव और प्रखंड की जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी। आवेदन संख्या का उल्लेख किए बिना दावा प्रक्रिया स्वीकार नहीं की जाएगी। नोडल अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि कटाई के बाद चक्रवात, असामयिक बारिश या प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति भी बीमा दावा प्रक्रिया के दायरे में आती है। इसलिए ऐसे किसान भी दावे प्रस्तुत कर सकते हैं जिनकी फसल कटाई के बाद क्षतिग्रस्त हुई है। सभी जिला कृषि और सहकारिता पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने जिलों में कार्यरत बीमा कंपनियों से समन्वय बनाकर समयबद्ध सर्वे और सत्यापन कराएं। सर्वे रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को शीघ्र भेजने को कहा गया है ताकि किसानों को मुआवजा जल्द उपलब्ध कराया जा सके। पत्र में एचडीएफसी एर्गो, बजाज आलियांज, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड और जेनेराली जैसी बीमा कंपनियों को भी फील्ड सर्वे शीघ्र संचालित करने और किसानों के दावों का निपटारा बिना विलंब के करने का निर्देश दिया गया है। नोडल अधिकारी ने कहा कि इस सूचना को प्रखंड, पंचायत, पैक्स और किसानों के स्तर तक व्यापक रूप से प्रसारित किया जाए ताकि अधिकतम किसान निर्धारित समय सीमा में अपना दावा दर्ज करा सकें।
