कल से आम जनता के लिए खुलेगा अमृत उद्यान

नई दिल्ली। द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को अमृत उद्यान के शीतकालीन संस्करण का उद्घाटन किया। अब यह 2 फरवरी से आम जनता के लिए खुल जाएगा। इस वर्ष ट्यूलिप के साथ-साथ आगंतुक 140 विभिन्न प्रकार के गुलाब और 80 से अधिक अन्य फूल देख सकेंगे। जारी बयान के अनुसार, राष्ट्रपति भवन का अमृत उद्यान 2 फरवरी से 30 मार्च तक आम जनता के लिए खुला रहेगा। लोग सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे के बीच उद्यान में जा सकेंगे। प्रत्येक सोमवार को उद्यान रखरखाव के लिए बंद रहेगा।

अमृत उद्यान मार्च में चार दिन विशेष श्रेणियों के लिए खुलेगा। इसमें 26 मार्च दिव्यांगों के लिए, 27 मार्च रक्षा, अर्धसैनिक और पुलिस बलों के कर्मियों के लिए, 28 मार्च महिलाओं और आदिवासी महिला एसएचजी के लिए और 29 मार्च वरिष्ठ नागरिकों के लिए आरक्षित है। उद्यान में आने वाले आगंतुक सबसे पहले बाल वाटिका होते हुए प्लुमेरिया थीम गार्डन पहुचेंगे। इसके बाद बोनसाई गार्डन, सेंट्रल लॉन, लांग गार्डन और अंत में सर्कुलर गार्डन देखेंगे। इस दौरान आगंतुक क्यूआर कोड को स्कैन करके किसी भी प्रदर्शन के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

उद्यान में बुकिंग और प्रवेश निःशुल्क है। ऑनलाइन बुकिंग राष्ट्रपति भवन की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर की जा सकती है। वॉक-इन आगंतुकों को राष्ट्रपति भवन के गेट के पास सुविधा काउंटर या स्वयं सेवा कियोस्क पर अपना पंजीकरण कराना होगा। सभी आगंतुकों के लिए प्रवेश और निकास राष्ट्रपति भवन के गेट नंबर 35 से होगा। आगंतुकों की सुविधा के लिए, केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन से गेट नंबर 35 तक शटल बस सेवा सुबह 9.30 बजे से शाम 6 बजे के बीच हर 30 मिनट में उपलब्ध होगी। बयान में कहा गया है कि अमृत उद्यान के अलावा, लोग मंगलवार से रविवार तक राष्ट्रपति भवन और राष्ट्रपति भवन संग्रहालय भी देख सकते हैं। वे राजपत्रित छुट्टियों को छोड़कर हर शनिवार को चेंज-ऑफ-गार्ड समारोह भी देख सकते हैं।

बयान में कहा गया है कि आगंतुक अपने साथ मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक चाबियां, पर्स-हैंडबैग, पानी की बोतलें और शिशुओं के लिए दूध की बोतलें ले जा सकते हैं। सार्वजनिक मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर पीने के पानी, शौचालय और प्राथमिक चिकित्सा सुविधाओं का इंतजाम किया जाएगा।

राष्ट्रपति भवन 6 से 9 मार्च तक अमृत उद्यान के हिस्से के रूप में विविधता का अमृत महोत्सव भी आयोजित करेगा। इस वर्ष के महोत्सव में दक्षिण भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और अनूठी परंपराओं का प्रदर्शन किया जाएगा।

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