हाई कोर्ट से डीआईजी आरपीएफ संतोष दुबे को बड़ी राहत, रेलवे का प्रीमेच्योर रिटायरमेंट का आदेश रद्द

रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने धनबाद के तत्कालीन सीनियर कमांडेंट रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) संतोष कुमार दुबे के मामले में रेलवे बोर्ड द्वारा उन्हें प्रीमेच्योर रिटायरमेंट दिए जाने के आदेश को मंगलवार काे निरस्त कर दिया। साथ ही कोर्ट ने उनका जॉइनिंग अविलंब करने का आदेश रेलवे बोर्ड को दिया है। कोर्ट ने मामले को निष्पादित कर दिया है। झारखंड हाई कोर्ट से विभागीय कार्रवाई पर रोक के बावजूद रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली ने प्रीमेच्योर रिटायरमेंट दे दिया था। इसके खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

संतोष कुमार दुबे वर्तमान में डीआईजी आरपीएफ पद पर लखनऊ में पदस्थापित थे। दरअसल, संतोष कुमार दुबे के आरपीएफ में चक्रधरपुर, धनबाद और रांची डिवीजन में पदस्थापित रहने के दरमियान उन पर 1.48 करोड रुपये की आय से अधिक संपत्ति का मामला सीबीआई ने दानापुर, पटना में 10 जुलाई, 2013 को दर्ज किया था। इसके बाद आरपीएफ नई दिल्ली ने संतोष कुमार दुबे के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चलाने के आदेश दिया था। सीबीआई ने संतोष कुमार दुबे की अधिकांश पोस्टिंग जो झारखंड में थी, के दौरान उन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया है। संतोष कुमार दुबे द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित किए जाने का चेक पीरियड 1998 से 2013 तक सीबीआई ने रखा है।

मामले में सीबीआई ने 28 जून, 2022 को संतोष कुमार दुबे, उनकी पत्नी प्रिया दुबे एवं अन्य खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इसके बाद सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पटना ने 22 जुलाई, 2022 को मामले में संज्ञान लिया था। 31 जनवरी, 2023 को आरपीएफ, नई दिल्ली ने संतोष कुमार दुबे के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू किया था। इसके बाद संतोष कुमार ने झारखंड हाई कोर्ट में विभागीय कार्रवाई को निरस्त करने के लिए याचिका दाखिल की थी। पांच अक्टूबर, 2023 को झारखंड हाई कोर्ट ने संतोष कुमार दुबे के खिलाफ आरपीएफ द्वारा विभागीय कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।

इसके बाद पांच दिसंबर, 2023 को रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली ने विभागीय कार्रवाई पर रोक के बावजूद 1802 (ए) इंडियन स्टेबलाइजमेंट कोड के तहत संतोष कुमार को प्रीमेच्योर रिटायरमेंट दे दिया था। मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को 7 नवंबर, 2023 को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था लेकिन केंद्र सरकार द्वारा जवाब दाखिल नहीं होने पर कोर्ट ने संतोष कुमार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई पर रोक जारी रखी थी। इसी दौरान प्रीमैच्योर रिटायरमेंट किए जाने को लेकर संतोष कुमार दुबे ने हाई कोर्ट में एक हस्तक्षेप याचिका (आईए) दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने कहा कि पूर्व में संतोष कुमार दुबे को प्रीमेच्योर रिटायरमेंट दिए जाने के आदेश पर रोक लगा दी थी।

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