नैनीताल : शीतकाल के बाद पहाड़ों पर भीषण गर्मी पड़ रही है। बारिश न होने से खेती के साथ बागवानी और सब्जी उत्पादन पर भी इसका विपरीत असर पड़ा है। इससे किसानों पर आजीविका का संकट पैदा हो गया है।
काश्तकारों के अनुसार इस वर्ष पहले तो सूखे के कारण नैनीताल जनपद की फल पट्टी में बागों में फूल फल में परिवर्तित ही नहीं हुए। इस कारण सेब व खुमानी के पेड़ों में फल ही नहीं लगे हैं। आडू एवं पुलम में जो थोडा बहुत फल लगे थे, वह पेड़ में पर्याप्त पोषण न होने के कारण सूख कर गिर रहे हैं, और लगातार बारिश न होने से अब तो पेड़ भी सूखने के कगार पर आ गये हैं। इसके अलावा आलू-मटर की फसलें भी पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं।
नैनीताल जनपद के हरतोला रामगढ़ के किसान तारा दत्त तिवारी, भू प्रकाश, अमित जोशी, खीमानंद जोशी, गिरीश शर्मा, भैरव दत्त पांडे व बिशन सिंह आदि ने बताया कि बहुत से किसानों ने गोभी, टमाटर व शिमला मिर्च की पौध की क्यारियां भी सूख रही हैं। इसके अलावा गांवों पेयजल का संकट भी गहरा रहा है। ग्रामीण महिलाओं-पुरुषों की दिनचर्या का बड़ा हिस्सा स्वयं के लिये एवं घरों पर ही बंधे रहने वाले पशुओं के लिए पेयजल की व्यवस्था करने में बीत रहा है। जंगलों के जलने से जानवरों को हरा चारा भी नहीं मिल पा रहा है। साथ ही दिनों-दिन बढता तापमान खेती-बागवानी के साथ पशुओं की मुश्किलों को भी बढा रहा है। ऐसे सूखे से निपटने की तैयारी न किसानों ने की है, और न सरकार ने ही इससे निपटने के लिये कोई वैकल्पिक उपाय किये हैं। इससे भविष्य में किसानों पर आजीविका का संकट मंडरा रहा है।