रांची। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को कोर्ट में पेश कर ईडी ने रिमांड के लिए दिये गये आवेदन में टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता में मंत्री की संलिप्तता की जानकारी कोर्ट को दी है। ईडी ने गुरुवार को कोर्ट को बताया कि इस केस से जुड़े गवाहों के बयान और अलग-अलग दिनों में हुई छापेमारी में मिले सबूत यह बताते हैं कि आलमगीर आलम की भूमिका महत्वपूर्ण और निर्णायक है। इसके अलावा टेंडर के कमीशन की आय को संगठित तरीके से एकत्र और वितरित किया जाता है और उसमें सबको हिस्सा दिया जाता है। पिछले दिनों रांची में संजीव लाल और जहांगीर के ठिकानों से बरामद किये गये 35.23 करोड़ आलमगीर आलम के ही हैं।
ईडी को अब तक हुई जांच के दौरान यह पता चला है कि कमीशन के संग्रह और वितरण की पूरी प्रक्रिया ग्रामीण विकास विशेष प्रभाग और ग्रामीण कार्य विभाग में तैनात सहायक इंजीनियरों ने की थी। इसके अलावा ईडी ने कोर्ट को बताया कि ग्रामीण विकास विभाग के प्रत्येक टेंडर में आलमगीर आलम टेंडर राशि का 1.5 प्रतिशत वसूलते थे। कमीशन की राशि विभाग के सहायक अभियंता मंत्री तक पहुंचाते थे।
एक मामले में यह भी पाया गया कि आलमगीर आलम को अपने हिस्से का तीन करोड़ रुपये का कमीशन मिला था, जो एक इंजीनियर द्वारा भेजा गया था । यह पैसा सितंबर 2022 में आलमगीर आलम को कैश मिला था। यह जानकारी इसी केस में जेल में बंद निलंबित इंजीनियर इन चीफ वीरेंद्र राम ने ईडी को दी है। अनुसंधान के क्रम में ही ईडी ने पिछले दिनों मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल सहित अन्य सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
ईडी ने कोर्ट को बताया कि मंत्री आलमगीर आलम के कमीशन के रुपयों की देखभाल पीएस संजीव लाल करते थे। इसी उद्देश्य से उन्होंने 32.2 करोड़ रुपये अपने नौकर जहांगीर आलम के हरमू रोड स्थित सर सैय्यद अपार्टमेंट में रखा था। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि इस पूरे मामले में अनुसंधान जारी है। अनुसंधान में मिले जानकारी के लिए मंत्री आलमगीर आलम से पूछताछ की जरूरत है। इसी को आधार बनाकर ईडी ने दस दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की अनुमति मांगी थी, इस पर ईडी को केवल छह दिनों तक पूछताछ की अनुमति मिली है।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने बीते पांच मई को टेंडर कमीशन घोटाले में मंत्री आलमगीर के पीएस संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर सहित अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान ईडी ने संजीव लाल के नौकर जहांगीर और बिल्डर मुन्ना सिंह के ठिकानों से कुल 35.23 करोड़ रुपये नकदी बरामद किये थे। इस मामले में ईडी ने कार्रवाई करते हुए पांच मई की देर रात को आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया था।