रांची। झारखंड हाई कोर्ट में देवघर में बाबा बैजनाथ मंदिर के निकट क्यू कॉम्प्लेक्स के फेज दो का निर्माण कार्य शुरू नहीं होने को लेकर सांसद निशिकांत दुबे की अवमानना याचिका की सुनवाई मंगलवार काे हुई। मामले में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा दायर किए गए शोकाज को रद्द कर दिया। राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि सीएसआर फंड से देवघर में क्यू कॉम्प्लेक्स के फेज दो का निर्माण नहीं कराया जा सकता है, जिस पर हाई कोर्ट की खंडपीठ ने राज्य के मुख्य सचिव, पर्यटन सचिव और देवघर डीसी को और अवमानना नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन 10 माह बाद भी क्यों नहीं किया गया। उनके खिलाफ क्यों नहीं अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए? हाई कोर्ट की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर निर्धारित की है।
हाई कोर्ट की खंडपीठ ने दिसंबर 2023 में निशिकांत दुबे की ओर जनहित याचिका को स्वीकृत करते हुए देवघर में बाबा बैजनाथ मंदिर के क्यू कॉम्पलेक्स का निर्माण जल्द करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि नवयुग कंपनी लिमिटेड के द्वारा सीएसआर के तहत देवघर में क्यू कॉम्प्लेक्स के द्वितीय फेज के निर्माण के लिए 120 करोड़ देने का जो आग्रह किया था, उसे राज्य सरकार स्वीकार करें। इस राशि से देवघर में क्यू कंपलेक्स के द्वितीय फेज का निर्माण कार्य शुरू किया जाए।
कोर्ट ने सरकार को क्यू कॉम्प्लेक्स के द्वितीय फेज के निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग करने का भी निर्देश दिया था लेकिन हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने पर निशिकांत दुबे की ओर से हाई कोर्ट में और अवमानना याचिका दाखिल की गई। नवयुग कंपनी लिमिटेड के द्वारा सीएसआर के तहत देवघर में क्यू कॉम्प्लेक्स के द्वितीय फेज के निर्माण के लिए 120 करोड़ देने के आग्रह राज्य सरकार से किया गया है।
सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि बाबा बैजनाथ मंदिर, देवघर के लिए क्यू कॉम्प्लेक्स के दूसरे फेज का निर्माण कार्य चल रहा है। इसमें केंद्र सरकार की ओर से अपने अंशदान के रूप में 25 करोड़ रुपये की राशि दे दी गई है लेकिन राज्य सरकार की ओर से भी अपने हिस्से का फंड उपलब्ध नहीं कराया गया है। नवयुग कंपनी लिमिटेड ने सीएसआर स्कीम के तहत क्यू कॉम्प्लेक्स के द्वितीय फेज के निर्माण के लिए अपने स्तर से 120 करोड़ देने को लेकर सरकार को पत्र लिखा है। नवयुग कंपनी के इस पत्र राज्य सरकार ने निर्णय नहीं लिया है।