रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने लातेहार के अनिल कुमार सिंह को नक्सली के संदेह में गारू थाने के तत्कालीन प्रभारी रंजीत कुमार यादव द्वारा घर से उठाकर उसे थाना में टॉर्चर करने के मामले की सीआईडी जांच को लेकर दाखिल क्रिमिनल रिट पर मंगलवार को फैसला सुनाया। कोर्ट ने अनिल कुमार सिंह को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है। साथ ही मुआवजा की राशि दोषी अधिकारी से वसूलने का निर्देश दिया है।
पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने उनसे पूछा था कि इस मामले में दोषी के खिलाफ क्यों नहीं उचित कार्रवाई की गई। वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शैलेश कुमार पोद्दार ने कोर्ट को बताया था कि अनिल कुमार सिंह को गारू थाने के तत्कालीन प्रभारी रंजीत कुमार यादव ने उसके घर से उठाकर दो दिनों तक उसे थाने में रखा था और उसे काफी टॉर्चर किया था। मारपीट करने के साथ उसके पिछले प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल भी डाला गया था।
इस संबंध में अनिल कुमार ने थाने में प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया था। बाद में सात माह बाद रंजीत कुमार यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई लेकिन अब तक तत्कालीन थाना प्रभारी पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है। तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इस घटना को संज्ञान में लेते हुए ट्वीट कर पुलिस अधिकारियों को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
याचिकाकर्ता का यह भी कहना था कि जिस थाने में रंजीत कुमार यादव के खिलाफ मामला दर्ज है, उसके वे थाना प्रभारी थे। ऐसे में उस थाने में मामले की जांच की निष्पक्षता पर भी सवाल उठेगा। इसलिए मामले को सीआईडी या किसी स्वतंत्र एजेंसी को दिया जाए।