राजद-कांग्रेस सरकार की गलतियों से कोशी के लोग एक दशक तक उपेक्षित रहे: नरेंद्र मोदी

सहरसा ; बिहार में अपने चुनाव अभियान के दौरान सोमवार को सहरसा में प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद)-कांग्रेस सरकार की गलतियों से कोशी क्षेत्र के लोग एक दशक तक उपेक्षित रहे।श्री मोदी ने कहा कि कोशी क्षेत्र के जिलों सहरसा, पूर्णिया, सुपौल, अररिया और मधेपुरा की उपेक्षा पर सबसे पहली नजर अटल बिहारी वाजपेयी की केंद्र सरकार की पड़ी थी। इसके बाद उनकी सरकार ने 2003 कोशी पुल का शिलान्यास किया जो इस क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। उन्होंने कहा कि 2005 में बिहार ने राजद की सरकार सत्ता से बाहर हो गयी और नीतीश कुमार की सुशासन वाली सरकार ने प्रदेश मे कमान सम्हाला। उंस समय 2004 में केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार जा चुकी थी और कांग्रेस पार्टी के नेता नए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राजद की बैशाखी ले कर सरकार चला रहे थे। उन्होंने कहा कि 2005 में बिहार की सत्ता से बाहर होने के बाद आगबाबूली राजद की सरकार ने केंद्र की सरकार पर दबाव डाला कि वह बिहार में विकास की गति को अवरुद्ध कर दे और इसी वजह से कोशी नदी के ऊपर बन रहे विशाल पुल का निर्माण भी ठप हो गया उन्होंने कहा कि 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनने के बाद पुनः कोशी पुल का निर्माण शुरू हुआ और 2020 में इसका शुभारंभ हुआ।। उन्होंने कहा कि राजद-कांग्रेस की मिलीभगत और उपेक्षा के कारण कोशी क्षेत्र के विकास की गति बनने वाला एक पुल 17 वर्षों तक शुभारंभ की बाट जोहता रहा। उन्होंने कहा कि इस पुल के बनने के बाद कोशी के बहुत से इलाकों की मिथिला के कई इलाकों से दूरी 300 किलोमीटर तक घट गई।प्रधानमंत्री ने कहा कि कोशी इलाके में बाढ़ सबसे बड़ी समस्या है। हर साल इस इलाके में जानमाल का बड़ा नुकसान होता है। उन्होने कहा कि करीब 11000 करोड़ की परियोजनाओं की स्वीकृति के साथ इस समस्या के निदान की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोशी, बागमती, गंडक बेसिन बनाया जा रहा है, जिसके बाद यहां एक सुरक्षा कवच बन जायेगा। उन्होंने कहा कि अभिशाप को वरदान का रूप दिया जा रहा है और जिस पानी से लोगों की जिंदगियां चली जाती थी, उसी से करीब दो लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई की जाएगी।श्री मोदी ने कहा कोशी का पानी अब मखाना किसानों की जिंदगी बनेगा। मछुआरों जो मछली पालन के अवसर देगा। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि आज मखाना की माला पहना कर उनका स्वागत किया गया है। उन्होंने कहा कि मखाना अब बिहार और हिंदुस्तान ही नही दुनिया की रसोई का भाग बनेगा। उन्होने कहा कि आजकल जब वह विदेश जाते हैं तो सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को मखाना का एक पैकेट भेंट करते हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि मखाना उत्पादनऔर मतस्य पालन मिथिला और कोशी की तकदीर बदल देंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में मखाना के विस्तार के लिए पहले ही मखाना बोर्ड की स्थापना कर दी गयी है और मतस्य उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए ‘जुब्बा सहनी मतस्य प्रोत्साहन योजना’ के तहत मछुआरों को 9000 रुपये की सहायता राशि दी जा रही है

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