पासबुक लेकर जांच कराने पहुंचे लोग

पश्चिम सिंहभूम। डाकघर के अंदर वर्तमान पोस्टमास्टर विवेक आनंद स्वयं खाताधारकों से घिरे रहे और एक-एक कर खातों की जांच करते नजर आए। उन्होंने बताया कि लगातार लोग आ रहे हैं और अब तक कई खातों की जांच की जा चुकी है। जांच के क्रम में कई विसंगतियां भी सामने आ रही हैं। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि पहले सामने आए 35 फर्जी खातों का मामला केवल एक झलक भर था, असली घोटाले की परतें अब खुलनी शुरू हुई हैं। ग्राहकों का कहना है कि उन्होंने वर्षों की मेहनत की कमाई ब्याज के भरोसे डाली थी, लेकिन अब उन्हें यह भी नहीं पता कि उनका पैसा सुरक्षित है या नहीं। कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि पुराने पोस्टमास्टर के कार्यकाल में ही यह पूरा खेल खेला गया और संभवतः कई वर्षों तक यह फर्जीवाड़ा चलता रहा। डाक विभाग के उच्चाधिकारियों से लेकर जिला प्रशासन तक अब जनता की मांगें पहुंच चुकी हैं। लोगों की स्पष्ट मांग है कि इस मामले में गंभीरता दिखाई जाए और निष्पक्ष, उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। कुछ प्रमुख मांगें सामने आई हैं। इनमें अस्थायी विशेष जांच अधिकारी की तैनाती, सभी खातों की डिजिटल ऑडिट, सीआईडी या सीबीआई जांच की अनुशंसा, पीड़ितों के लिए तत्काल राहत राशि और गबन में संलिप्त कर्मियों की शीघ्र गिरफ्तारी शामिल है। पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित गुआ डाकघर में फिक्स डिपॉजिट घोटाले की खबर जैसे ही मीडियां में प्रकाशित हुई, सोमवार सुबह से ही डाकघर में अफरातफरी का माहौल बन गया। अपनी मेहनत की पूंजी को लेकर चिंतित सैकड़ों लोग हाथों में पासबुक लिए डाकघर पहुंच गए। हर कोई अपने खाते की सच्चाई जानना चाहता था। लोगों की लंबी कतारें डाकघर के बाहर सुबह से ही देखने को मिलीं।

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