प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों से की परीक्षा पे चर्चा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली की सुंदर नर्सरी में परीक्षा पे चर्चा के आठवें संस्करण में विद्यार्थियों से तनाव मुक्त परीक्षा के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की। प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान तनाव से बचने के लिए समय प्रबंधन और कठिन विषय को स्वयं चुनौती देने की सलाह दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे समाज में दुर्भाग्य से यह घर कर गया है कि अगर हम स्कूल में इतने नंबर नहीं लाए, दसवीं-बारहवीं में इतने नंबर नहीं आए तो जिंदगी तबाह हो जाएगी। इसलिए पूरे घर में तनाव हो जाता है। ऐसे में आपको खुद को तैयार करना है।

उन्होंने कहा कि ऐसे में इस तनाव को मन में न लें और तय करें कि आपको आज कितना पढ़ना है। ये अगर आप कर लेते हैं, तो आप इस तनाव से खुद को निकाल सकते हैं।उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को सीमित नहीं किया जाना चाहिए, उन्हें अपने जुनून को तलाशने की आजादी होनी चाहिए।प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को मोटा अनाज (मिलेट्स) और सब्जियों के महत्व बताते हुए कहा कि बीमार न होने का मतलब यह नहीं है कि हम स्वस्थ हैं। नींद भी पोषण पर निर्भर करती है। चिकित्सा विज्ञान भी नींद पर ध्यान केंद्रित करता है। सभी को सुबह की धूप में समय बिताना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि लोग नेताओं के आचरण से प्रेरणा लेते हैं। अगर आप स्वच्छता का उपदेश दे रहे हैं लेकिन गंदगी फैला रहे हैं, तो आप नेता नहीं बन सकते। नेता बनने के लिए टीमवर्क के साथ-साथ समझदारी और धैर्य भी जरूरी है। आपको अपने साथियों के लिए मौजूद रहना होगा और इससे विश्वास पैदा होगा। यह विश्वास ही आपके नेतृत्व को सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि आप, सम्मान मांग नहीं सकते, आपको सम्मान कमाना पड़ेगा। इसके लिए आपको खुद को बदलना होगा। लीडरशिप थोपी नहीं जाती, आपके आस-पास के लोग आपको स्वीकारते हैं। नेता बनने के लिए टीमवर्क सीखना और धैर्य बहुत आवश्यक है।

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