रांची। राज्य सरकार ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनाव आयोग में लिखित शिकायत की है। इस पत्र में राज्य सरकार ने दोनों नेताओं पर झारखंड के विभिन्न समुदायों के बीच में नफरत फैलाने का आरोप लगाया है। साथ ही राज्य के शीर्ष अफसरों को धमकी देने का भी आरोप लगाया है। पत्र में राज्य सरकार की ओर से मांग की गयी है कि दोनों नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये।
इस संबध में सरकार के प्रधान सचिव वंदना डाडेल ने दो सितंबर को पत्र चुनाव आयोग को लिखा गया है। इसमें कहा है कि हिमंता बिस्वा सरमा ने झूठे बयान दिये। ऐसे बयान से राज्य के शीर्ष अफसरों और सरकारी पदाधिकारियों का चरित्र हनन करने की बात कही गयी है। पत्र के अनुसार दोनों नेताओं के दौरे के दौरान यह पाया गया है कि उनके भाषण और बयान उत्तेजक, शत्रुतापूर्ण, झारखंड राज्य के प्रशासन के खिलाफ होते हैं। डीजीपी, एसएसपी, एसपी जैसे शीर्ष अधिकारियों की गतिविधियों के खिलाफ उनके बयान होते हैं।
पत्र में कहा है कि दोनों नेता कई गांवों का दौरा कर रहे हैं। रैलियां कर रहे हैं और इस तरह के बयान देते रहते हैं। इस कारण सरकारी अधिकारियों में प्रतिशोध का डर है और वह कर्तव्य का पालन करने में हतोत्साहित हो रहे हैं। पत्र के साथ हिमंता बिस्वा सरमा और शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य भाजपा नेताओं के जरिये सोशल मीडिया पर किये गये पोस्ट की स्क्रीनशॉट भी चुनाव आयोग को भेजी गयी है। साथ ही कहा गया है कि भाजपा नेताओं के बयान सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाले हैं।
राज्य सरकार की तरफ से लिखे गये पत्र में कहा गया है कि अभी तक राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू नहीं हुई है लेकिन भाजपा ने 17 जून को शिवराज सिंह चौहान को प्रभारी और हिमंता बिस्वा सरमा को सह प्रभारी नियुक्त किया है। इसके बाद से दोनों नेता हर सप्ताह झारखंड दौरे पर आते हैं। दोनों नेता जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति है। शिवराज सिंह केंद्रीय मंत्री हैं जबकि हिमंता बिस्वा सरमा असम के मुख्यमंत्री हैं। उल्लेखनीय है कि शिवराज सिंह चौहान झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रभारी हैं जबकि हिमंता सह प्रभारी है। दोनों नेता लगातार झारखंड आ रहे हैं। विभिन्न कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं और लोगों से मिल रहे हैं। इस दौरान दोनों नेताओं की प्रेस कांफ्रेंस और सभा भी हो रही है।